वैसे तो हमारा भारत किसी रिश्ते को निभाने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं लेकिन सोशल साइटों, इन्टरनेट और बाज़ार ने हर रिश्ते के लिए एक ख़ास दिन निर्धारित कर दिया है । आज 30 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय दोस्ती दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। फेसबुक, व्हाट्सएप, इन्स्टाग्राम, ट्विटर पर दोस्ती और दोस्तों के संदेशों की बाढ़ आई हुई है। लेकिन क्या हमने कभी विचार किया आखिर इस दिन की शुरुआत कब हुई? चलिए हम आपको बताते हैं की आखिर ये दिन कैसे इतना महत्वपूर्ण बना।
साउथ अमेरिका के एक देश परागुए में वर्ष 1958 में शांति व भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सिविल संगठन “वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड” ने इसे प्रारम्भ किया था और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे हर वर्ष इसे 30 जुलाई को मनाया जाता है। वैसे भिन्न भिन्न देशों में इसे मनाये जाने की तारीख़ अलग अलग है, जैसे अर्जेंटीना, ब्राज़ील में 20 जुलाई; अमेरिका में 15 फरवरी; फ़िनलैंड में 14 फरवरी और भारत में अगस्त माह का पहला रविवार।
लेकिन इसकी सबसे ख़ास बात यह है कि भारत, बांग्लादेश, मलेशिया जैसे देशों में फ्रेंडशिप डे को बढ़ाने में ग्रीटिंग कार्ड इंडस्ट्री का सबसे अहम योगदान रहा है। मोबाइल फोन के SMS और जिओ इन्टरनेट क्रांति से पूर्व के वर्षों में सन्देश व अपनी भावनाओं के आदान-प्रदान का सबसे सुगम साधन ग्रीटिंग कार्ड्स ही थे. अब इसका स्थान सोशल साइटों ने ले लिया है।
लेकिन कुछ भी हो संचार क्रांति के इस युग में जहाँ एक कमरे में परिवार के चार सदस्य एक दूसरे से इन्टरनेट के माध्यम से जुड़े हों वहां दूर किसी दोस्त से इस फ्रेंडशिप डे के बहाने ही मुलाकात हो जाय तो इसे जोड़ने वाली कड़ी ही मानेंगे। सोशल साइट के ही एक मैसेज से अपनी बात को विराम दूंगा कि..
“काश फिर मिलने की वजह मिल जाय, साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाय, चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें, क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाय.”
Good
बहुत ही अच्छा लिखा, दिन तो बहुत सारे मनाए जाते है, मनाने वालों को उसके वजह से कोई लेना देना नहीं होता, फिर भी खोज तो होनी ही चाहिए।