You are currently viewing कसक

कसक

 

कसक

आज आंखों में कसक है

पर सब चुप क्यों हैं

क्या आज भी कोई

 तूफान आने वाला है। 

कई बार तुझे समझाया है

ए दिल तू खेल मत

यह सामान भी

 टूट जाने वाला है। 

तोड़ना ही था तो

मोहब्बत क्यूँ की

तोड़ने पर क्या कोई

इनाम दिया जाने वाला है। 

बदन की हर थिरकन 

तूफान की इत्तला है

क्या कोई मेरे साथ

एहतियात बरतने वाला है। 

अश्क का सैलाब उमड़

आया है तो समझो

आज हर कोई इसमें

डूबने वाला है। 

बच जाना तो खोज लेना मुझको

मोहब्बत है पर

मौत गले लगाना है। 

 

pic credit:  https://www.pexels.com/

अपनों के साथ शेयर करें

This Post Has One Comment

  1. Ritesh

    Very nice

Comments are closed.