कसक
आज आंखों में कसक है
पर सब चुप क्यों हैं
क्या आज भी कोई
तूफान आने वाला है।
कई बार तुझे समझाया है
ए दिल तू खेल मत
यह सामान भी
टूट जाने वाला है।
तोड़ना ही था तो
मोहब्बत क्यूँ की
तोड़ने पर क्या कोई
इनाम दिया जाने वाला है।
बदन की हर थिरकन
तूफान की इत्तला है
क्या कोई मेरे साथ
एहतियात बरतने वाला है।
अश्क का सैलाब उमड़
आया है तो समझो
आज हर कोई इसमें
डूबने वाला है।
बच जाना तो खोज लेना मुझको
मोहब्बत है पर
मौत गले लगाना है।
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Very nice