जीवन ज्योति
जीवन ज्योति उठो जीवन ज्योति प्रदत्त करो नई योजना नई नीति निर्माण करो l विकास का आधार सवारों इसे जीवन रीति प्रदत्त करो l चलो पुनः निर्माण की ओर…
जीवन ज्योति उठो जीवन ज्योति प्रदत्त करो नई योजना नई नीति निर्माण करो l विकास का आधार सवारों इसे जीवन रीति प्रदत्त करो l चलो पुनः निर्माण की ओर…
ज़िक्र करता है जब कोई तेरे नाम का हर बार मैं क्यूँ चौंक जाता हूँ pic credit: https://pixabay.com/
एक बार फिर गांधी तुझे आना होगा.... पहले हम मुसलमानों के फिर अंग्रेजों के, आजादी के बाद नेताओं के गुलाम आज फिर आजादी हमें दिलाना होगा एक बार फिर…
कुछ चांद उधार लेता कुछ तारे उधार लेता । आसमां तक जाकर कुछ फ़लक उधार लेता । कुछ राहें उधार लेता निगाहें उधार लेता । …
मैं न चला टूट कर, परछाइयां चली । मुझसे आगे मेरी, रुसवाईयां चली ।। फिर घाव हरे होकर, मुझको लगे सताने । शोले भड़क उठे फिर पुरवाइयां चली ।। …
हर सुबह एक नई गमोसाज से मुलाकात होती । शाम होती तो तन्हाई में उसी से बातें होती । उनकी मुलाकात मेरी जिंदगी की सौगात होती । वो न होती…
जन्म से मृत्यु तक सुबह से रात तक पूर्व से पश्चिम तक पाताल से आकाश तक सभी खोज रहे हैं कि जीवन क्या है !!! डिग्रीयां ले लीं आधुनिकता की…