सलवटें
जिंदगी की सच्चाइयों के बीच झांकते हुए देखा है कुछ मासूम चेहरों को ज़िन्दगी की कडुवाहट में सने देखा है कुछ पुराने चेहरों को ज़िन्दगी की राहों में चलने के…
जिंदगी की सच्चाइयों के बीच झांकते हुए देखा है कुछ मासूम चेहरों को ज़िन्दगी की कडुवाहट में सने देखा है कुछ पुराने चेहरों को ज़िन्दगी की राहों में चलने के…
कई बार मैंने सोचा इस प्यार का क्या करें कि मुझे लूटा है दोस्त बनकर बार-बार दिखा के ख्वाब तुम्हारा जिसने मजबूर कर दिया रोका तो नाम लेना पड़ा मुझे…
हर व्यक्ति ने संसार में अगर खोजा है तो वह है अपना अस्तित्व प्रकाश की चकाचौंध में तुम्हें अंधकार अस्तित्वहीन लगता है पर अंधकार के बिना प्रकाश के अस्तित्व को खोजो…
कभी गुजरते थे दिन, सोचने में अब तो याद भी नहीं आता कभी हम भी थे तेरे परवाने अब रोशनी भी उधार लेते हैं. किसको फुर्सत है यहां जो पिछला…
काश मौत से मेरी आशिकी होती, कुछ इश्क़ होता कुछ दिल्लगी होती, साथ अपने संजोए होते न जिंदगी के ख्वाब- हमराही मेरी राह में मौत के फरिश्ते होते। जिंदगी की…
कहां से शुरू करता, उसे …. उस रफ्तार से भागते शहर से ? जहां शायद कोई सो न सका हो; या किसी वीरान सी उजाड़ बस्ती से ? जहां उसे अपनी…
वो हमारे सुकून का सामां छोड़ जाते, हमारे अश्क और अपने कदमों के निशां छोड़ जाते । हम छोड़ देते जहां उनको पाने के बाद, अपने मिलने का कोई मुकां…
नाख़ुदा हर ज़ख्म हँसकर कोई, जज़्ब करना सिखा दे। रूठी हुई जिंदगी को कोई, हँसना सिखा दे। अश्कों से सागर भर दिए, हमने कुछ इस तरह- पलकों को बंद करके उन्हें, कोई थमना…
अकेला हूँ मैं वो मृगतृष्णा का मंज़र वह जेहन में भरी आस एक नितांत अनबुझी सी प्यास क्योंकि ... अकेला हूँ मैं । बोलता हूँ, सुनता हूँ, टाल जाता हूँ…
अजनबी शहर के अजनबी रास्ते अजनबी शहर के अजनबी रास्ते खोजते हैं हमें देखते हैं कहां कल थे हम जहां पर वो तो थे हम कल उनके वास्ते अजनबी…
कसक आज आंखों में कसक है पर सब चुप क्यों हैं क्या आज भी कोई तूफान आने वाला है। कई बार तुझे समझाया है ए दिल तू खेल मत…
ज़िक्र करता है जब कोई तेरे नाम का हर बार मैं क्यूँ चौंक जाता हूँ pic credit: https://pixabay.com/